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25 नवम्बर 2024 को वैभव सुर्यवंशी ने जेद्दा, यूएई में आईपीएल 2025 मेगा नीलामी में इतिहास रच दिया। 13 साल के इस क्रिकेटर ने भारतीय प्रीमियर लीग में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में साइन होने का रिकॉर्ड बनाया। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें ₹1.1 करोड़ में खरीदा, और मुंबई इंडियंस के साथ उनकी बोली में काफी प्रतिस्पर्धा देखी गई।
वैभव की क्रिकेट यात्रा
वैभव की सफलता बहुत ही खास है। उन्होंने 2023-24 सीजन में रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ 12 साल और 284 दिन की उम्र में डेब्यू किया। यह उपलब्धि उन्हें रणजी इतिहास का सबसे युवा खिलाड़ी बनाती है, और उन्होंने युवराज सिंह और सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 15 साल की उम्र में डेब्यू किया था। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवा टेस्ट सीरीज में उन्होंने 62 गेंदों में 104 रन बनाए, जो उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा को दर्शाता है। 13 साल और 188 दिन की उम्र में उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के 170 साल के इतिहास में सबसे युवा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी बना लिया।
उम्र पर उठे सवाल
वैभव की उपलब्धियों के बावजूद उनकी उम्र को लेकर सवाल उठे। कुछ लोग कह रहे थे कि उनकी असल उम्र 13 नहीं, बल्कि 15 साल है। इस पर उनके पिता संजीव सुर्यवंशी ने इन आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वैभव ने 8 साल और 6 महीने की उम्र में बीसीसीआई द्वारा कराए गए हड्डी परीक्षण (Bone Test) का सामना किया था, और अगर जरूरत पड़ी तो वह फिर से उम्र का परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं। संजीव सुर्यवंशी ने यह भी कहा, “हम किसी से नहीं डरते। वह फिर से उम्र परीक्षण करवा सकते हैं।”
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क्रिकेट में पहली सफलता
वैभव की क्रिकेट में सफलता बचपन से ही दिखने लगी थी। वह केवल 8 साल की उम्र में U-16 जिला ट्रायल्स में भी बेहतरीन थे। उनके पिता ने शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए बताया कि वे उन्हें समस्तीपुर से क्रिकेट कोचिंग के लिए ले जाते थे और फिर वापस लाते थे। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया, जहां बैटिंग कोच विक्रम राठौर ने एक मैच स्थिती तैयार की जिसमें उन्हें एक ओवर में 17 रन बनाने थे। वैभव ने तीन छक्के मारे और ट्रायल्स में आठ छक्के और चार चौके लगाए, जिससे उन्होंने सभी को प्रभावित किया।
रिकॉर्ड बनाना
वैभव ने भारतीय युवा क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उन्होंने केवल 58 गेंदों में शतक जड़ा, जो कि इस स्तर पर दूसरा सबसे तेज शतक है, सिर्फ इंग्लैंड के मोईन अली से पीछे, जिन्होंने यह कारनामा 56 गेंदों में किया था। उनकी तेज गति से रन बनाने की शैली ने उन्हें क्रिकेट जगत में अलग पहचान दिलाई।
आगे का रास्ता
वैभव सुर्यवंशी की कहानी समस्तीपुर से आईपीएल नीलामी तक एक प्रेरणा है। वह पहले ही सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में इतिहास बना चुके हैं, और उनका सफर अभी शुरू हुआ है। चाहे आलोचना का सामना हो या रिकॉर्ड तोड़ने की बात हो, वैभव अपने सपनों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। उनका यह सफर कड़ी मेहनत, प्रतिभा और धैर्य का प्रतीक है, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे के रूप में उभार सकता है।
अब तक बस इतना ही।
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