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15 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक भगदड़ हुई, जिसमें कम से कम 18 लोगों की जान चली गई। कई अन्य लोग घायल हो गए हैं इस भीषण घटना में, जो महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़ के बीच हुई। यहां इस घटना के बाद के हालात और चल रही जांच का विवरण दिया गया है।
घटना का मंजर
यह भगदड़ शनिवार रात को हुआ, जब एक बड़ी भीड़ प्लेटफार्म 12, 13 और 14 के आसपास इकट्ठा हो गई थी। प्रयागराज एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधनी सहित कई ट्रेनों के यात्री प्लेटफार्मों पर इंतजार कर रहे थे, क्योंकि ट्रेनें देर से आ रही थीं। अचानक यात्रियों की संख्या बढ़ने से स्थिति और खराब हो गई।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, कुछ यात्री भीड़ के कारण बेहोश हो गए थे, जिससे अफरा-तफरी मच गई और स्थिति और बिगड़ गई। शुरू में इसे भगदड़ माना गया, लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि यह अधिक भीड़ और कुछ गलतफहमियों के कारण हुआ था।
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जान का नुक्सान और दिल दहला देने वाली कहानियाँ
इस दुर्घटना में मरने वालों में से 11 महिलाएं और 4 बच्चे थे। इनमें से कई परिवार इस घटना से प्रभावित हुए हैं।
उदाहरण के तौर पर, एक 22 वर्षीय युवक, अमन गिरी, ने अपनी मां, सीलम को खो दिया। अमन ने अपनी मां को यात्रा करने से मना किया था, लेकिन उन्होंने यात्रा पर जाने का फैसला किया। दुख की बात यह थी कि उनकी मां भीड़ में नहीं बच पाई।
इसी तरह, हरियाणा की 30 वर्षीय नर्स, संगीता मलिक, अपनी जान गंवा बैठी, जब वह कुंभ मेले की यात्रा पर जा रही थी। वह अपने दोस्तों के साथ यात्रा कर रही थी, तभी यह दुर्घटना हो गई।
एक और दिल दहला देने वाली कहानी मनोज शाह की है, जिन्होंने अपनी बेटी, ससुर और सास को खो दिया। उनकी बेटी, सुरीची केवल 11 साल की थी।
तात्कालिक प्रतिक्रिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की, और इसे “बहुत दुखद और दर्दनाक” घटना बताया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी अपना शोक व्यक्त किया और घायलों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की।
अब तक, अधिकारियों ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सरकार का मुआवजा और समर्थन
इस त्रासदी के बाद, रेलवे मंत्रालय ने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 2.5 लाख रुपये और हल्की चोटों वाले व्यक्तियों को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।
जांच जारी है
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नेताओं जैसे असदुद्दीन ओवैसी और राहुल गांधी ने इस स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है, ताकि यह समझा जा सके कि सिस्टम में कहां और क्यों नाकामियां हुईं।
यह घटना इस बात का जोरदार संकेत है कि बड़े रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए, खासकर महाकुंभ मेले जैसे बड़े आयोजनों के दौरान। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
जैसे परिवार अपने प्रियजनों को खोने का शोक मना रहे हैं, यह घटना एक कष्टदायी याद दिलाती है कि बड़े सार्वजनिक स्थलों, जैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन में ज़्यादा जिम्मेदारी और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
अब तक बस इतना ही।
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