प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा: भारत-फ्रांस संबंधों में नई ऊँचाइयाँ

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छठी फ्रांस यात्रा केवल एक आधिकारिक दौरा नहीं थी, बल्कि यह दोनों देशों के मजबूत संबंधों का प्रतीक भी बनी। यह दौरा विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण रहा और इसमें कई अहम चर्चाएँ हुईं।

दोनों देशों के बीच अनूठे आपसी संबंध

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा आपसी संबंधों की गहराई को दर्शाती है। इससे पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 26 जनवरी 2024 को भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी जुलाई 2023 में बास्तील दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में फ्रांस गए थे।

इस बार की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने एक साथ एआई समिट की सह-अध्यक्षता की। इसके बाद, दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित किया, जिसमें एयरोस्पेस, रक्षा, नवाचार, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कृषि-प्रसंस्करण और उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़े प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल थे।

व्यापार और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी कंपनियों को भारत में रक्षा, नागरिक परमाणु ऊर्जा, बीमा और उन्नत निर्माण क्षेत्रों में नए अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद, राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति के विमान में एक साथ मार्सेई की यात्रा की। यह दुर्लभ घटना दोनों नेताओं के बीच गहरे विश्वास और मजबूत संबंधों को दर्शाती है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “यह न केवल दोनों नेताओं के बीच गहरे व्यक्तिगत विश्वास को दर्शाता है, बल्कि भारत-फ्रांस संबंधों में असाधारण आत्मविश्वास को भी उजागर करता है।”

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मार्सेई में महत्वपूर्ण कार्यक्रम और नई भारतीय वाणिज्य दूतावास की स्थापना

मार्सेई पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मज़ार्ग युद्ध स्मारक (Mazargues War Cemetery) का दौरा किया। यहां उन्होंने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मिलकर प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मार्सेई हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में विशेष स्थान रखता है। यहीं वीर सावरकर ने ब्रिटिश कब्जे से बचने की बहादुर कोशिश की थी। मैं उन फ्रांसीसी नागरिकों और कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने उस समय ब्रिटिश सरकार को सावरकर को वापस देने का विरोध किया था। उनकी वीरता आज भी हमें प्रेरित करती है।”

इसके बाद, दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से मार्सेई में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2023 में अपनी पेरिस यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की थी। विदेश सचिव मिस्री ने कहा, “मैंने बहुत कम बार देखा है कि किसी दूतावास का उद्घाटन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किया गया हो। यह एक विशेष क्षण था, जो हमारी मित्रता और आपसी सहयोग को दर्शाता है।”

परमाणु ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग

दोनों देशों ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर (AMRs) के संयुक्त विकास को लेकर सहमति जताई। इसके अलावा, भारत और फ्रांस ने सुरक्षित, विश्वसनीय और नैतिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास पर भी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने AI को भविष्य की तकनीक बताते हुए इसके लोकतांत्रिक उपयोग और मानवता के कल्याण में योगदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि AI को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए कि यह सभी के लिए सुलभ हो और वैश्विक विकास में योगदान दे सके।

इंडो-पैसिफिक सहयोग और रक्षा क्षेत्र में मजबूती

भारत और फ्रांस ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए त्रिपक्षीय विकास पर एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इसके तहत, दोनों देश इस क्षेत्र में आर्थिक विकास और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देंगे।

रक्षा क्षेत्र में, दोनों नेताओं ने भारत में स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण में हो रही प्रगति की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने डीआरडीओ द्वारा विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्रणाली को स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में एकीकृत करने और नए P75-AS पनडुब्बियों में इंटीग्रेटेड कॉम्बैट सिस्टम (ICS) की संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी सेना को पिनाका रॉकेट लॉन्चर प्रणाली पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि इसका अधिग्रहण दोनों देशों के रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।

डिजिटल स्वास्थ्य और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध पर साझेदारी

भारत और फ्रांस ने डिजिटल स्वास्थ्य और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध को सहयोग के प्राथमिक क्षेत्रों में शामिल करने का निर्णय लिया। दोनों देश तीसरे देशों में भी संयुक्त विकास परियोजनाएँ शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने इस बात पर सहमति जताई कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग सुरक्षित और नैतिक रूप से किया जाना चाहिए। भारत-फ्रांस AI घोषणा पत्र में 2030 सतत विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के सम्मान और AI क्षमता निर्माण में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।

यात्रा का समापन और ऐतिहासिक विदाई

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के अंत में, राष्ट्रपति मैक्रों खुद उन्हें हवाई अड्डे तक छोड़ने आए, जो प्रोटोकॉल से अलग एक महत्वपूर्ण संकेत था। यह इशारा भारत-फ्रांस संबंधों में गहरी मित्रता और आपसी सम्मान को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा व्यापार, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंडो-पैसिफिक सहयोग को नए स्तर तक ले गई। यह भारत-फ्रांस संबंधों को और अधिक मजबूती देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।

 

 

 

 

अब तक बस इतना ही।

 

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