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भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट मैच, जो 2024 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत ऑस्ट्रेलिया से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया, शुरुआत में ही मुश्किलों में घिर गया। भारतीय टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 47 रन पर चार विकेट गंवा चुकी थी। केएल राहुल, जो थोड़ा प्रतिरोध दिखा रहे थे, 74 गेंदों पर 26 रन बनाकर मिशेल स्टार्क के हाथों आउट हो गए। अब भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाजों के पास कड़ी चुनौती है और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ पारी को संभालना होगा।
पंत की किस्मत
रिषभ पंत को सुबह के सत्र में एक संजीवनी मिली। एक एलबीW की अपील उनके खिलाफ हुई, लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया। स्टार्क की गेंद पंत के पैड्स से टकराई थी, लेकिन रिव्यू में पता चला कि गेंद स्टम्प्स से दूर थी। पंत को एक और मौका मिला और वे उम्मीद कर रहे थे कि भारत को संकट से उबारने में मदद कर सकें।
विराट कोहली का संक्षिप्त प्रवास
विराट कोहली, जो भारत के प्रमुख बल्लेबाज हैं, ज्यादा देर नहीं टिक पाए। उन्होंने सिर्फ 5 रन बनाए और जोश हेजलवुड के हाथों आउट हो गए, जिससे भारत के पास एक मजबूत पारी बनाने के विकल्प और कम हो गए। अब भारतीय टीम को और भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था।
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के-एल राहुल का संघर्ष
के-एल राहुल पहले दिन के शुरुआती चरणों में सबसे मजबूत बल्लेबाज दिखे। उन्होंने एक अच्छी बाउंड्री के साथ स्कोर बनाना शुरू किया। एक गेंद जो उन्होंने अजीब तरीके से खेली, वह विकेटकीपर के सिर के ऊपर से चार रन के लिए चली गई, जो दर्शाता है कि पिच पर कितना मुश्किल खेल हो रहा था। हालांकि कठिन परिस्थितियों के बावजूद राहुल संयम बनाए रखते हुए पारी को स्थिर करने की कोशिश कर रहे थे।
भारत की टॉप ऑर्डर की मुश्किलें
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया में, भारत के पहले दिन के प्रदर्शन ने पहले से ही भारत की बल्लेबाजी को कमजोर कर दिया था। रोहित शर्मा जो पितृत्व अवकाश पर थे और शुभमन गिल जो चोट के कारण नहीं खेल पा रहे थे, इन दोनों के बिना भारत को अपनी पारी में बदलाव करना पड़ा। देवदत्त पडीकल को गिल की जगह टीम में शामिल किया गया, लेकिन वे ज्यादा असर नहीं डाल सके। उन्हें बिना कोई रन बनाए आउट कर दिया गया, जिससे भारत के पास साझेदारियों को बनाने के और कम अवसर बच गए थे।
पडीकल का डेब्यू
देवदत्त पडीकल के लिए उनका डेब्यू यादगार था, भले ही वह ज्यादा योगदान नहीं कर सके। इस युवा खिलाड़ी ने मैच से पहले की अभ्यास सत्रों की तीव्रता को महसूस किया, जो उन्हें इस श्रृंखला में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार कर रहा था।
पहले सत्र की शुरुआत
मैच की शुरुआत में यशस्वी जायसवाल और राहुल ने पारी की शुरुआत की। पहले ओवर में कोई खास घटनाक्रम नहीं हुआ, केवल एक नो-बॉल और बाई से रन बने। जायसवाल पिच की गति और उछाल से जूझते हुए हेजलवुड की गेंद पर स्लिप में नाथन मैकस्वीनी के हाथों कैच आउट हो गए, और भारत को एक और झटका लगा।
टॉस और टीम न्यूज
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, यह उम्मीद करते हुए कि ताजा पिच पर कुछ फायदा मिलेगा। रोहित शर्मा और शुभमन गिल की अनुपस्थिति ने भारत की टीम में बदलाव किए। भारत ने अपनी टीम में ध्रुव जुरेल और हर्षित राणा को शामिल किया, जबकि वाशिंगटन सुंदर को एकमात्र स्पिनर के रूप में चुना। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी मजबूत टीम उतारी, जिसमें मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और नाथन लायन जैसे प्रमुख गेंदबाज थे।
आगे की राह
भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के आउट हो जाने के बाद, अब मध्यक्रम के बल्लेबाजों के पास पारी को संभालने की जिम्मेदारी है। राहुल को बल्लेबाजी की धुरी बनकर खेलना होगा, जबकि पंत का आक्रमक खेल भारत को कुछ गति देने में मदद कर सकता है। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया में,ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पहले ही शानदार फार्म में हैं, ऐसे में भारतीय टीम के लिए आगे का रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण है।
एक कठिन दिन
जैसा कि दिन बढ़ता है, भारत खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाता है, लेकिन मध्यक्रम के संघर्षशील बल्लेबाजों के साथ वे इस स्थिति से उबरने की कोशिश करेंगे। अनुभवी और नए खिलाड़ियों को यह साबित करना होगा कि वे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ दबाव को कैसे संभाल सकते हैं।
अब तक बस इतना ही।
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