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दिल्ली चुनाव 2025 ने राजधानी की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन को समाप्त कर दिया है और 26 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है।
भाजपा मुख्यालय पर जश्न का माहौल था, जहां नेता और कार्यकर्ता एकत्र होकर लंबे समय बाद मिली जीत का जश्न मना रहे थे। पार्टी ने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता, प्रभावी चुनावी रणनीति और आप सरकार के खिलाफ नाराजगी को दिया।
भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर जश्न
भाजपा ने दिल्ली चुनाव 2025 में जबरदस्त जीत हासिल कर 10 साल के आप शासन को खत्म कर दिया है। यह जीत भाजपा की 26 साल बाद सत्ता में वापसी का प्रतीक है, क्योंकि पार्टी ने पिछली बार 1998 में दिल्ली में सरकार बनाई थी।
मतगणना के दौरान भाजपा कार्यकर्ता मुख्यालय में एकत्र हुए और पटाखे फोड़कर, मिठाइयाँ बाँटकर, और नारे लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा सहित कई वरिष्ठ नेता इस अवसर पर मौजूद थे।
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भाजपा को बहुमत, आप और कांग्रेस को झटका
चुनाव नतीजों में भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया, जबकि आप और कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ।
पार्टी | सीटें जीतीं | 2015 सीटें | 2020 सीटें |
---|---|---|---|
भाजपा | 52 | 3 | 8 |
आप | 14 | 67 | 62 |
कांग्रेस | 4 | 0 | 0 |
अन्य | 0 | 0 | 0 |
भाजपा ने 2020 की तुलना में 44 सीटों की बढ़त हासिल की, जबकि आप का प्रदर्शन अब तक का सबसे खराब रहा। 2015 में 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आप सिर्फ 14 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस, जो 2015 और 2020 में शून्य पर थी, इस बार 4 सीटें जीतकर वापस आई।
अरविंद केजरीवाल की हार: आप को बड़ा झटका
आप के लिए सबसे बड़ा झटका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट से हार रही। उन्हें भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने 4,000 से अधिक वोटों से हराया।
इसके अलावा कई अन्य आप मंत्री और वरिष्ठ नेता भी चुनाव हार गए:
- मनीष सिसोदिया (पटपड़गंज) – भाजपा के अतुल कुमार से 8,500 वोटों से हारे
- सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश) – भाजपा के अजय कुमार मल्होत्रा ने हराया
- दुर्गेश पाठक (करावल नगर) – भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने हराया
- आतिशी (कालकाजी) – भाजपा के धर्मवीर सिंह ने हराया
अपनी हार स्वीकार करते हुए केजरीवाल ने कहा, “हम जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं। आप आगे भी लोगों के लिए काम करती रहेगी और अपनी कमियों को दूर करेगी।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आप की हार के पीछे कई कारण रहे:
- कानूनी समस्याएँ: केजरीवाल और अन्य आप नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे थे।
- पानी और प्रदूषण संकट: भाजपा ने आप की यमुना सफाई और वायु प्रदूषण नियंत्रण में विफलता को बड़ा मुद्दा बनाया।
- एंटी-इन्कम्बेंसी: 10 साल के शासन के बाद जनता बदलाव चाहती थी।
कांग्रेस की वापसी, लेकिन संघर्ष जारी
कांग्रेस, जो 2015 और 2020 में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, इस बार 4 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। हालांकि, यह जीत कांग्रेस के लिए बड़ी राहत है, फिर भी पार्टी 1998-2013 के अपने स्वर्ण युग से काफी दूर है।
कांग्रेस के विजेता उम्मीदवार:
- देवेंद्र यादव (बादली) – आप के अजेेश यादव को हराया
- राज कुमार चौहान (मंगोलपुरी) – भाजपा के करमवीर सिंह को हराया
- किरण वालिया (मालवीय नगर) – आप के सोमनाथ भारती को हराया
- अनिल चौधरी (त्रिलोकपुरी) – भाजपा की गीता बंसल को हराया
भाजपा का अगला कदम: दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
भाजपा ने अभी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। हालाँकि, कई दावेदारों के नाम चर्चा में हैं:
- प्रवेश वर्मा – उन्होंने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हराया।
- विजेंद्र गुप्ता – तीन बार रोहिणी से विधायक बने और बड़ी जीत दर्ज की।
- कैलाश गहलोत – आप के पूर्व मंत्री जो 2024 में भाजपा में शामिल हुए थे।
- अरविंदर सिंह लवली – कांग्रेस के पूर्व नेता जिन्होंने 2024 में भाजपा का दामन थामा।
- मनोज तिवारी – पूर्व सांसद और भाजपा के पूर्व दिल्ली अध्यक्ष।
- वीरेंद्र सचदेवा – दिल्ली भाजपा अध्यक्ष, जो पंजाबियों और व्यापारियों में लोकप्रिय हैं।
दिल्ली के लिए आगे क्या?
भाजपा की जीत के साथ, दिल्ली को अब एक नई सरकार मिलेगी। मुख्यमंत्री की आधिकारिक घोषणा जल्द होने की संभावना है।
आप की दिल्ली चुनाव 2025 हार ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है, और भाजपा अब दिल्ली के विकास और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
भाजपा के शासन में दिल्ली का भविष्य
अब जब भाजपा सत्ता में आ गई है, उसकी प्रमुख प्राथमिकताएँ होंगी:
- जल संकट और प्रदूषण नियंत्रण: यमुना सफाई और वायु प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करना।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और सड़क सुधार।
- कानून और व्यवस्था: दिल्ली पुलिस को अधिक संसाधन उपलब्ध कराना।
- सस्ते घर: शहरी आवास परियोजनाओं को तेज़ी से लागू करना।
भाजपा के लिए अब अगला कदम दिल्ली का नया मुख्यमंत्री तय करना और अपने चुनावी वादों को पूरा करना होगा। आने वाले दिनों में इस पर अंतिम निर्णय होगा।
अब तक बस इतना ही।
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