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गुवाहाटी पुलिस ने मशहूर यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें समय रैना, रणवीर अल्लाहबादिया, आशीष चंचलानी, अपूर्वा मुखीजा, जसप्रीत सिंह और अन्य के नाम शामिल हैं। आरोप है कि इन्होंने “इंडियाज़ गॉट लेटेंट” शो में अश्लीलता को बढ़ावा दिया और यौन संबंधित अनुचित चर्चाएँ कीं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “गुवाहाटी पुलिस ने कुछ यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिन्होंने अश्लील और आपत्तिजनक बातचीत को बढ़ावा दिया है।”
एफआईआर को गुवाहाटी साइबर पुलिस स्टेशन (मामला संख्या 03/2025) में दर्ज किया गया है। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएँ 79, 95, 294, 296, आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 की धारा 4/7 और अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा 4/6 के तहत दर्ज किया गया है।
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रणवीर अल्लाहबादिया का विवादित बयान
इस एफआईआर का मुख्य कारण रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा शो में पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न बताए जा रहे हैं। उन्होंने एक प्रतियोगी से “पेनिस के साइज” को लेकर सवाल किया और ₹2 करोड़ का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा, उन्होंने एक बेहद अश्लील और असंवेदनशील प्रश्न किया:
“क्या आप रोज़ अपने माता-पिता को संबंध बनाते देखना चाहेंगे या एक बार खुद इसमें शामिल होकर इसे हमेशा के लिए रोकना चाहेंगे?”
जनता की नाराज़गी और माफी
शो के एक मेंबर्स-ओनली एपिसोड में इस विवादास्पद बयान को देखने के बाद जनता ने इसे कड़ी आलोचना दी। विवाद बढ़ने पर रणवीर अल्लाहबादिया ने माफी जारी की। उन्होंने कहा:
“मेरा बयान अनुचित और अशोभनीय था। यह मजाकिया भी नहीं था। कॉमेडी मेरी ताकत नहीं है। मैं सिर्फ माफी मांगने के लिए यहां हूं।”
उन्होंने आगे कहा:
“मुझे एहसास हुआ है कि मुझे अपने प्लेटफॉर्म का बेहतर उपयोग करना चाहिए। मैंने वीडियो के निर्माताओं से अपमानजनक हिस्से हटाने के लिए कहा है।”
मुंबई पुलिस ने स्टूडियो का दौरा किया
विवाद के बीच मुंबई पुलिस ने शो के स्टूडियो का दौरा किया, जहां “इंडियाज़ गॉट लेटेंट” रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि, कुछ देर की जांच के बाद वे वहाँ से चले गए।
बांद्रा कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज
सोमवार को मुंबई के बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई। यह शिकायत समाजसेवी और कांग्रेस छात्र संघ के राष्ट्रीय प्रतिनिधि, निखिल रुपारेल द्वारा दायर की गई।
उन्होंने कहा:
“रणवीर अल्लाहबादिया का बयान भारतीय समाज की नैतिकता के खिलाफ है और बेहद अश्लील और आपत्तिजनक है।”
शिकायत में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ 296 (अश्लील कृत्य और गीत), 352 (जानबूझकर अपमान), 353 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान) और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही, धारा 225 के तहत जांच की भी अपील की गई है।
कानूनी विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कई वकीलों ने इस मामले में नाराजगी जताई और विभिन्न मंचों पर कार्रवाई की मांग की।
- एडवोकेट सत्यंम सूराना ने कहा कि “इस तरह की अश्लील सामग्री को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”
- एडवोकेट राहुल ईश्वर ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि यह कंटेंट “जनता की नैतिकता और शिष्टता को नुकसान पहुंचाता है।”
- एडवोकेट अश्विनी दुबे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर सख्त डिजिटल कंटेंट मॉडरेशन की मांग की।
समय रैना, रणवीर अल्लाहबादिया और अन्य के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। यह विवाद दिखाता है कि सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली सामग्री की नैतिकता पर बहस बढ़ रही है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है।
अब तक बस इतना ही।
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