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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा गणपति पंडाल में सुरक्षाकर्मी भक्तों को धक्का मारते हुए दिख रहे हैं, जबकि वीआईपी मेहमानों को विशेष सुविधा दी जा रही है। लालबागचा राजा, जो मुंबई के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित गणेश मंडलों में से एक है, हर साल बॉलीवुड हस्तियों और उच्च-प्रोफ़ाइल व्यक्तियों के दर्शन का स्थल बनता है।
लालबागचा राजा में “भेदभाव”:
इस वीडियो की व्यापक आलोचना हो रही है, जिसे कई लोग “भेदभाव” कह रहे हैं। जहां एक ओर वीआईपी गणेश प्रतिमा के सामने आराम से फोटो खिंचवाते नजर आ रहे हैं, वहीं सामान्य भक्तों को सुरक्षा कर्मी तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। कई लोग इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार पर नाराजगी जता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं:
एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा, “यहां आम लोगों के साथ ऐसा व्यवहार होता है। भगवान के दर्शन में भी भेदभाव किया जा रहा है।” एक अन्य यूजर ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह बहुत दुखद है कि लोग 10-15 घंटे तक प्रतीक्षा करते हैं, केवल कुछ सेकंड के लिए दर्शन करने के लिए, और फिर उनके साथ ऐसा व्यवहार होता है।”
वीडियो के कमेंट सेक्शन में निराशा और गुस्सा भरा हुआ है। कई यूजर्स ने यह बात कही कि भगवान के सामने सभी समान हैं, लेकिन पंडाल के मैनेजमेंट का व्यवहार बहुत शर्मनाक है। अब लोग इस असमानता के खिलाफ आवाज उठाते हुए पंडाल में सभी भक्तों को समान व्यवहार देने की मांग कर रहे हैं।
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लालबागचा राजा में हस्तियों की उपस्थिति:
शाहरुख़ ख़ान, शिल्पा शेट्टी, वरुण धवन और ऐश्वर्या राय बच्चन जैसी हस्तियां इस साल लालबागचा राजा के दर्शन कर चुकी हैं। वायरल हुए वीडियो में एक बड़ा अंतर देखने को मिला, जहां सामान्य भक्तों को धक्का दिया गया, वहीं इन हस्तियों को विशेष सुविधा दी गई, जिसने लोगों के बीच असमानता की भावना को और बढ़ा दिया।
एक्ट्रेस सिमरन बुदरूप का अनुभव:
टेलीविज़न अभिनेत्री सिमरन बुदरूप ने भी लालबागचा राजा में “दिल दुखाने वाला अनुभव” किया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे पंडाल के स्टाफ ने उनकी मां का फोन छीन लिया और जब उन्होंने हस्तक्षेप किया, तो उन्हें धक्का दिया गया। अपनी पोस्ट में उन्होंने उम्मीद जताई कि यह घटना आयोजकों के लिए एक चेतावनी साबित होगी।
सिमरन ने लिखा, “लोग यहां अच्छी नीयत से आते हैं, सकारात्मकता और आशीर्वाद पाने के लिए, लेकिन हमें आक्रामकता और अपमान का सामना करना पड़ा।” उन्होंने आयोजकों से जागरूकता और जवाबदेही की मांग करते हुए कहा कि सभी भक्तों के साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए।
लालबागचा राजा में हुई घटनाओं ने धार्मिक स्थलों में निष्पक्षता और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग इस मुद्दे पर बदलाव की मांग कर रहे हैं। ऐसे प्रतिष्ठित स्थानों पर मैनेजमेंट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर भक्त, चाहे वह कोई भी हो, उसे समान सम्मान और गरिमा मिले।
“धर्म का अर्थ केवल आस्था नहीं, बल्कि सभी के प्रति समानता और आदर का भाव भी है।”
अब तक बस इतना ही।
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